potato के बेहतरीन स्वास्थ्य एवं सौंदर्य लाभ

आलू से पाए बेदाग निखरी त्वचा,आलू से दूर करे मुँहासे और झुर्रियां

आलू एक काफी सामान्य सब्जी है जिसका प्रयोग नियमित तौर पर कई तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है।  हर इंसान को आलू खाना पंसद होता है क्या  आप  जानते  हैं  कि यह हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। इसका सेवन करने से आपको कई बीमारियों से निजात मिल जाता है। इसका इस्तेमाल करने से केवल सेहत ही नहीं बल्कि सौंदर्य के लिए भी किया जाता है। आलू पौष्टिक तत्वों से भरा होता है। आलू में सबसे अधिक मात्रा में स्टॉर्च पाया जाता है। आलू में पोटेशियम और विटामिन ए और सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसके अलावा आलू में मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और ज़िंक भी होता है। आलू के कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, ग्लूकोज और एमिनो एसिड में बदल कर शरीर को तुरंत शक्ति देते हैं। इसके अलावा आलू में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से शरीर की रक्षा करते हैं।

 

तेज धूप, लू से त्वचा झुलस गई हो तो कच्चे आलू (पोटैटो ) का रस झुलसी त्वचा पर लगाने से सनबर्न ठीक हो जाता है।आलू-हल्दी का फेसपैक आलू और हल्‍दी के फेसपैक के नियमित उपयोग से त्‍वचा का रंग साफ होने लगता है । आधे आलू को कद्दूकस करके इसमें एक चुटकी हल्‍दी मिलाकर चेहरे पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में चेहरा पानी से साफ कर लें। इस फेसपैक को हफ्ते में एक बार जरूर लगाएं।

अगर आपके चेहरे में दाग, धब्बे और पिपंल है तो आलू का रस काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और बी कॉम्प्लेक्स के साथ पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जस्त जैसे खनिज पाया जाता है, जो कि हमारी स्किन के लिए फादेमंद है।

 

जलने पर आलू (Potato) को बारीक पीसकर शरीर क जले हुए भाग पर मोटा-सा लेप लगाने से जलन में आराम मिलता है।

 

शरीर में सूजन हो तो आलू (Potato ) को पानी में उबालकर आलू के पानी से सूजन वाले भाग को सेकने से सूजन दूर हो जाती है। आलू का लेप चोट पर करने से के सूजन दूर हो जाती है।

 

आपके बालों को जल्दी बड़ा करने के लिए आलू के जूस का नियमित मास्क काफी मददगार साबित होता है। एक आलू को लेकर इसका छिलका निकाल लें। इसके टुकड़ों में काटकर पीस लें। अब इससे रस निकाल लें और इसमें शहद और अंडे का उजला भाग मिला लें। अब इस पेस्ट को सर और बालों पर लगाएं। इसे दो घंटे तक रखें और उसके बाद शैम्पू से धो लें।

 

आलू में पोटैशियम साल्ट होता है जो अम्लता यानि एसिडिटी को कम करता है। पेट में गैस हो तो कच्चे आलू को पीसकर उसका रस पीने से आराम मिलता है।

 

आलू का जूस आपके बढ़ते हुए वजन को घटा देता है। इसके लिए सुबह अपने नाश्ते से दो घंटे पहले आलू का जूस का सेवन करें। यह भूख को नियंत्रित करता है और वजन को कम कर देता है।

 

आलू में मौजूद विटामिन सी स्कर्वी रोग को रोकने में मदद कर सकता है, जो विटामिन-सी की कमी के कारण होता है। यह फटे हुए होंठ, रक्तस्राव मसूड़ों और वायरल संक्रमण के लिए भी उपयोगी है।1 tbsp आलू का पेस्ट ले लें और उसमे 1 tbsp शहद मिला ले और आँखों के काले घेरो पर 10-15 मिनट लगा ले और फिर धो ले इससे आँखों के काले घेरे काम हो जाते है और यह आंखो को ठंडक देता है।

 

गठिया के रोग में आलू का जूस बेहद कारगर तरह से काम करता है। आलू के जूस को पीने से यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकलता है। और गठिया की सूजन को कम करता है।

 

आलू (Potato) का रस निकालकर आंखों के काले घेरों पर लगाने से आंखों के नीचे का कालापन दूर हो जाता है।

 

बढ़ते बच्चों के लिए आलू पौष्टिक आहार है। आलू (Potato) का रस दूध पीते बच्चों और बड़े बच्चों को पिलाने से वे मोटे-तगड़े हो जाते हैं।  

 

ह्रदय की बिमारी और स्ट्रोक से बचने और इसे कम करने के लिए आलू सबसे अच्छा उपाय है। यह नब्ज़ के अवरोध, कैंसर, हार्ट अटैक और ट्यूमर को बढ़ने से कम करता है।

किडनी की बिमारियों का इलाज करने के लिए आलू का जूस पीने की आदत डालें। यह ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रण में रखने में भी मदद करता है। आलू का जूस मूत्राशय में कैल्शियम का पत्थर बनने नहीं देता।

 

आलू या उसके पत्तों का काढ़ा बनाकर पिलाने से पीलिया दूर हो जाता है।कच्चे आलू का रस पीने से दाद ठीक हो जाता है।

आलू में विटामिन सी होता है जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत रखता है और कोल्ड व कफ जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है।

 

आलू में विटामिन बी 6 और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती है।  इस कारण इसके सेवन से जहां एक और मांसपेशियों में मजबूती बनी रहती है वहीं मस्तिष्क की नसों की सेहत भी ठीक रहती है।  वैज्ञानिकों के अनुसार आलू खाने से डिप्रेशन, स्ट्रैस व दूसरी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों में कमी आती है।

 

किडनी के रोगी भोजन में आलू खाएं। आलू (Potato ) में पोटैशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है और सोडियम की मात्रा कम। पोटैशियम की अधिक मात्रा गुर्दों से अधिक नमक की मात्रा निकालती है जिससे गुर्दे के रोगी को लाभ होता है। 

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