आंखें हमारे बॉडी का सबसे मेंन ऑर्गन है। आंखों से ही यह खूबसूरत दुनिया देखने को मिलती है। ऐसे में इनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है लेकिन कई बार आंखों को कुछ ऐसी प्रोब्लेम्स हो जाती हैं जिससे काफी परेशानी होती है। ऐसी ही एक बीमारी है मोतियाबिंद, जिसे इंग्लिश में Cataract कहते है, यह ज़्यादातर बढ़ती उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। जी हाँ, वैसे तो मोतियाबिंद को ऑपरेशन करके भी ठीक किया जाता है लेकिन कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। वैसे फ्रेंड्स मोतियाबिंद दो तरह का होता है। एक कोमल और दूसरा कड़ा। कोमल मोतियाबिंद नीले रंग का होता हैं जो बचपन से लेकर 35 साल की उम्र के व्यक्ति को होता है। वहीं कड़ा मोतियाबिंद पीले रंग का होता हैं जो ज़्यादातर बुढ़ापे में ही होता है। यह एक आंख में भी हो सकता हैं और एक साथ दोनों आंखों में भी हो सकता है। चलिए जानते है मोतियाबिंद होने के कारन क्या है |
आमतौर पर मोतियाबिंद होने के पीछे कई कारन होते हैं।
उम्र का बढ़ना या ओल्ड ऐज की वजह से भी मोतियाबिंद होता है, डायबिटीज, अधिक देर तक सूर्य की रोशनी आंखों पर पड़ना, आंख में सूजन होना, आंख में चोट लगना, धूम्रपान,अल्ट्रावायलेट रेडिएशन, इंजुरी, रेडिएशन थेरेपी, इसके अलावा गर्भ में संक्रमण, चोट या गर्भ का सही तरीके से ग्रोथ ना होने के कारण नवजात शिशु को भी मोतियाबिंद हो सकता है।