मक्के की रोटी के 15 बेहतरीन फायदे जो आप नही जानते

मक्के की रोटी के फायदे

मक्का दुनिया में सबसे लोकप्रिय अनाज में से एक है और कई देशों में यह मुख्य भोजन है। ।सिर्फ स्वादिष्‍ट ही नहीं काफी फायदेमंद है मक्के का सेवन। चाहे रोटी के रूप में खाएं या दाने के रूप में। यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।कॉर्न में पाए दाने वाले एंटीऑक्सिडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता रखते हैं. कॉर्न में पाए जाने वाले फेरुलिक एसिड स्तन और Lever के ट्यूमर को खत्म करता है.एक कप कॉर्न को रोज नियमित रूप से खाने पर बाल मजबूत बनते हैं. साथ ही ये बाल गिरने और रूखे होने की समस्या को खत्म करते हैं.आज हम मक्के की रोटी के फायदों के बारे में बात करेंगे |

 

 हृदय को स्वस्थ रखें

मक्का का आटा कोलेस्ट्रॉल को कम कर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का रिस्क कम करता है। इसमें ओमेगा-३ फैटी एसिड भी होता है, जो दिल को स्वस्थ बनाने का काम करता है। यह हाई बीपी की समस्या को कम कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम करता है। नियमित मक्का का आटा खाने से शरीर में से बुरे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है।

 

एनीमिया के मरीजों के लिए

शरीर में यदि लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण कम हो जाए तो इस स्थिति को एनिमिया कहा जाता है। ऐसे में एनीमिया के मरीजों के लिए मक्के का आटा बहुत लाभकारी होता है। दरअसल मक्के में जिंक, आयरन और बीटा-कैरोटिन होता है, जो शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा मक्का का आटा विटामिन्स की कमी को भी दूर करने का काम करता है। इससे कई बीमारियों का रिस्क कम हो जाता है।

 

मक्के की रोटी पाचन के लिए गुणकारी

मक्के की रोटी में दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर शामिल है। यह पाचन रोग में बहुत ही फायदेमंद है। यह कब्ज और बवासीर के साथ-साथ  पाचन समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

 

कैंसर की रोकथाम करें

 मक्का एंटी-ऑक्सीडेंट्स का बहुत अच्छा स्रोत होता है, जो कैंसर की रोकथाम करने में महत्वपूर्ण होते हैं। मक्का में बीटा-क्रिप्टोजेंथिन भी होता है, जो फेफड़ों के कैंसर का रिस्क कम करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स लिवर और ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी कम करते हैं। इतना ही नहीं, मक्का का आटा कोलेस्ट्रॉल को कम कर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर वजन घटाने में असरदार है।

 

टीबी के मरीजों के लिए मक्का बहुत फायदेमंद है। टीबी के मरीजों को या जिन्हें टीबी होने की आशंका हो हर रोज मक्के की रोटी खाना चाहिए। इससे टीबी के इलाज में फायदा होगा।

 

मक्के के भुट्टे को पानी में उबाल लिया जाए और छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन और गुर्दों की कमजोरी भी दूर होती है।

 

20 ग्राम मक्के के दानों को कुचलकर एक गिलास पानी में खौलाया जाए और जब यह आधा शेष बचे तो इसमें एक चम्मच शहद भी डाल दी जाए। इस मिश्रण को बच्चों को दिन में 3 बार देने से वे बिस्तर पर पेशाब नहीं करते हैं।

 

स्किन के लिए

मक्का बीटा-कैरोटिन का भी बहुत अच्छा स्रोत होता है, जो कि शरीर में जाते ही विटामिन ए में बदल जाता है। दरअसल विटामिन ए आंखों और त्वचा के लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन ए बहुत स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो आंखों को कैटरेक्ट से बचाने का काम करता है। यह स्किन और म्यूकस मैम्ब्रेन को भी हेल्दी बनाता है। इतना ही नहीं, मक्का का आटा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।

 

गर्भावस्था में फायदेमंद

गर्भवती महिलाओं को भी मक्का को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए। इसमें फॉलेट और विटामिन बी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो कि गर्भस्थ शिशु में नई कोशिकाओं के विकास के लिए जरूरी होता है।

 

तेज करता है आँखों की रोशनी – मक्के के दाने में कैरोटिनोयाड्स (Carotenoids) नामक तत्व पाए जाते हैं। मक्के के दाने में मौजूद ये कैरोटिनोयाड्स रेटिना पे लाभकारी प्रभाव डालते हैं जिसके फलस्वरूप आँखों की रौशनी ठीक रहती है। मक्के में विटामिन ए भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के दृष्टि दोष होने से रोकता है।

 

 

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